रत्न कितने प्रकार के होते है अंग्रेजी नाम व पहचान

रत्न नौ प्रकार के होते हैं :- 

रत्नों के अंग्रेजी नाम, पहचान व प्रतिनिधि ग्रह की प्रमाणिक जानकारी यहाँ उपलब्ध है:

रत्न कितने प्रकार के होते है अंग्रेजी नाम व पहचान


  1. हीरा (diamond): यह सर्वाधिक कठोर और मूल्यवान रत्न होता है। यह सफेद गुलाबी पीले तथा काले रंग में पाया जाता है। ज्योतिष की दृष्टि से यह शुक्र ग्रह का प्रतिनिधि रत्न माना गया है। 
  2. पन्ना (Emerald): यह हरा या सफेद मिश्रित हरे रंग का रत्न होता है यह पारदर्शी तथा अपारदर्शी दोनों ही प्रकार का होता है इसे बुध ग्रह का प्रतिनिधि रत्न माना जाता है। 
  3. पुखराज (Yellow Sapphire): यह पीले अथवा सफेद रंग का रत्नीय पत्थर होता है। यह पारदर्शी होता है। ज्योतिष की दृष्टि से इसे बृहस्पति का प्रतिनिधि रत्न माना जाता है। 
  4. नीलम (Blue Sapphire): नीलम मोर की गर्दन के समान गहरे नीले रंग का अथवा पारदर्शी हल्के नीले रंग का रत्न होता है गहरे नीले रंग के नीलम को बैंकॉक का नीलम कहते हैं हल्के नीले रंग के पारदर्शी नीलम को सिलोनी नीलम कहते हैं यह शनि ग्रह का प्रतिनिधि रत्न होता है। 
  5. माणिक (Ruby): यह रत्न लाल रंग का श्रेष्ठ होता है, किंतु श्याम वर्ण मिश्रित, लाल रंग के भी माणिक होते हैं। इसे सूर्य का प्रतिनिधि रत्न माना जाता है। जहां तक इसके प्रभाव का प्रश्न है लाल व श्याम मिश्रित लाल रंग वाले दोनों का प्रभाव समान ही होता है। 
  6. मूंगा (Coral): यह प्रायः लाल, सिंदूरी तथा सफेद रंगों का होता है। इसे मंगल ग्रह का प्रतिनिधि रत्न माना गया है। 
  7. मोती (Pearl): प्रायः सफेद रंग का आबदार रत्न होता है। साथ ही यह हल्के गुलाबी तथा हल्के पीले रंगों में भी प्राप्त होता है। ज्योतिषीय दृष्टि से इसे चंद्रमा का रत्न माना गया है। 
  8. गोमेद (Hessonite): यह कालापन लिए हुए लाल रंग का अथवा पीलापन मिश्रित लाल रंग का होता है।साथ ही यह गोमूत्र के रंग का भी होता है इसे राहु ग्रह का प्रतिनिधि रत्न माना गया है। 
  9. लहसुनिया (Cat's eye): इसका रंग कुछ कालापन लिए हुए हरा या पीला भी होता है। इसमें बिल्ली की आंख के समान धारी होने से इसे विडालाक्ष Cat's eye भी कहते हैं। यह केतु ग्रह का प्रतिनिधि रत्न होता है।

84 उपरत्नों के नाम, रंग, किसका उपरत्न है और क्या काम आता है जानें

उपरत्नों की श्रेणी में जिन 84 रत्नीय पत्थरों को रखा गया है उनके नाम व संक्षिप्त परिचय निम्न प्रकार है:

उपरत्नों की श्रेणी में जिन 84 रत्नीय पत्थरों को रखा गया है उनके नाम व संक्षिप्त परिचय निम्न प्रकार है:


  1. सुनहला (Citrine): सुुनहला सोने के रंग के समान सुनहरे रंग का पारदर्शी रत्न होता है। ज्योतिष की दृष्टि से इसे बृहस्पति ग्रह की शांति के लिए पुखराज का उपरत्न माना गया है। इसके अंगूठी के नग तथा मालाएं भी बनती है।
  2. कटैला (Amethyst): यह हल्के बैंगनी रंग का चमकदार तथा पारदर्शी रत्न होता है इसे शनि ग्रह की शांति के लिए नीलम के उपरत्न के रूप में धारण किया जाता है अंगूठी के नग के साथ-साथ इस की मालाएं भी बनाई जाती है।
  3. स्फटिक (Rock Crystal): सफेद बिल्लोर को स्फटिक भी कहा जाता है यह सफेद चमकदार तथा पारदर्शी रत्नीय पत्थर होता है इसे शुक्र ग्रह का उपरत्न माना गया है अंगूठी के नग के अतिरिक्त इसके द्वारा मालाएं मूर्तियां तथा श्री यंत्र आदि भी बनाए जाते हैं।
  4. दाना फिरंग (Malachite): यह हरे रंग का होता है तथा इस पर हल्के हरे रंग की लहरदार धारियां बनी होती है गुर्दे के दर्द में इसे धारण करने से लाभ होता है, इसीलिए अंग्रेजी में इसे किडनी स्टोन भी कहा जाता है।
  5. फिरोजा (Turquoise): जैसा कि इसके नाम से ही प्रकट है यह फिरोजी रंग का होता है। साथ ही यह आसमानी रंग का भी होता है। यह अपारदर्शी उपरत्न होता है। तथा बुध ग्रह की शांति के लिए धारण किया जाता है।
  6. जबरजद्द (Peridot): यह हरे रंग का आभायुक्त मुलायम पत्थर होता है। ज्योतिष की दृष्टि से इसे बुध ग्रह की शांति के लिए धारण किया जाता है।
  7. तुरमली (Tourmaline): यह कई रंगों में प्राप्त होता है। यह गुलाबी, हरे व नीले रंग में भी मिलता है। इसके रंगों के आधार पर ही इसे विभिन्न ग्रहों की शांति के लिए धारण किया जाता है।
  8. ओपल (Opal): यह प्रायः सफेद रंग का होता है तथा इसकी सतह पर कई रंगों के छींटे से होते हैं। यह काफी नरम उपरत्न होता है, जरा सी चोट लगने से ही टूट जाता है। इसे हीरे का उपरत्न माना जाता है।
  9. संग सितारा (Gold Stone): और यह गहरे गेरुए रंग का अपारदर्शी पत्थर होता है तथा इसकी सतह पर सुनहरे रंग के छींटे से पड़े होते हैं। इसके अंगूठी के नग, दर्शन जोड़ी तथा मालाएं बनाई जाती है। 
  10. जरकन (Zircon): जरकन को अमेरिकन डायमंड भी कहते हैं। यह  प्रायः सफेद रंग का होता है, किंतु इसके अतिरिक्त यहां लाल, पीले आदि रंगों का भी होता है। देखने में यह हीरे जैसा ही प्रतीत होता है। यह प्रायः आभूषणों में जड़ने के काम में आता है। 
  11. माहे मरियम फोर्टिफिकेशन गेट यह मटमैले रंग का सा होता है तथा इस पर पीले रंग की आड़ी तिरछी लकीरों का जाल जैसा होता है यह बवासीर की बीमारी में लाभदायक माना जाता है नजर मत लापीस लाजुली इसका रंग नीला होता है और इसकी सतह पर सफेद रंग के धब्बे से होते हैं शनि ग्रह की शांति के लिए इसे एक महत्वपूर्ण उपरत्न माना गया है अंगूठी के लोगों के अतिरिक्त इसके द्वारा महिलाएं तथा लॉकेट भी बनाए जाते हैं तामड़ा कार्नेट यद्यपि इस का हिंदी नाम तामड़ा है तथापि आम बोलचाल की भाषा में इसका अंग्रेजी नाम गारनेट ही अधिक प्रचलित है यह गहरे लाल रंग का कुछ कालापन लिए हुए होता है इसे माणिक का उपरत्न माना गया है अंगूठी के नग उनके अतिरिक्त इसकी मालाएं भी बनती हैं चंद्रकांत मणि मूनस्टोन इसे गोदंती भी कहा जाता है किंतु हिंदी में इन दोनों नामों की अपेक्षा इसका अंग्रेजी नाम मूनस्टोन ही अधिक प्रचलित है इसे मोती का उपरत्न माना गया है गनमेटल हेमेटाइट यह काले रंग का चमकदार उपरत्न होता है इसे शनि ग्रह का उपरत्न माना गया है मकना 30 लोड स्टोन इसे मैग्नेटिक स्टोन तथा चुंबक पत्थर भी कहते हैं यह काले रंग का चमकदार पत्थर होता है इसका विशेष गुण यह होता है कि यह लोहे को अपनी ओर खींचता है ब्लड प्रेशर के रोग के लिए यह लाभदायक माना गया है काला स्टार मेला नाईट और Android नेट यह काले रंग का पत्थर होता है तथा इसकी सतह पर चमकीला विस्तार से दिखाई देता है इसे शनि का उपरत्न माना गया है टाइगर जेंट्स और टाइगर आई इसकी सतह पर पीली तथा काली चमकीली पटिया से होती हैं जिस तरह शेर की खाल पर पीले रंग पर काली धारियां होती हैं उसी तरह इसका स्वरूप भी होता है इसीलिए इसे टाइगर स्टोन कहा जाता है ज्योतिष की दृष्टि से यह केतु तथा बृहस्पति का उपरत्न माना गया है अंगूठी के नगों के अतिरिक्त इसके द्वारा मालाएं आदि भी बनाई जाती हैं मरगज जाडेजा डाइट मरगज नीले तथा हरे रंग का होता है इसे बुध और शनि ग्रह का उपरत्न माना गया है ओनेक्स ओनेक्स यह हरे तथा नीले रंग का उपरत्न होता है इसे बुद्धि तथा शनि का उपरत्न माना गया है हकीकत यह प्रायः कई रंगों में पाया जाता है इसकी सतह पर धारियां सी होती हैं इसके विभिन्न रंगों के कारण ही इसे विभिन्न राशि वालों को धारण कराया जाता है सुलेमानी सुलेमानी ओनेक्स यह उपरत्न काले रंग का होता है तथा उस पर सफेद रंग की धारियां पड़ी होती हैं हकीकी अमलीडो ने इसे लाल ओनेक्स भी कहा जाता है यह सुर्ख लाल रंग का उपरत्न होता है मंगल ग्रह की शांति के लिए इसे अच्छा उपरत्न माना गया है भेरूजी मरीन इसका रंग हल्का हरा होता है इसे पन्ना का उपरत्न माना गया है दुनिया स्मोकी क्वार्ट्ज यह पृथ्वी के रंग और सुनहरे रंग के मिश्रित रंग का होता है सजनी मोरी गेट यह हकीक की जाति का उपरत्न है यह भी हकीक के समान कई रंगों का होता है तथा प्राकृतिक रूप से इस पर फूल तथा पत्तियों के से आकार बने रहते हैं फुल दिल्ली हेलो डोर यह हरे तथा सफेद मिश्रित रंग का उपरत्न होता है इसके विषय में कहा जाता है कि इसे धारण करने से दिल मजबूत रहता है तथा वह नहीं लगता एलेग्जेंडर Android मिले तथा जामुन ऐसे रंग का होता है लाडली स्पाइनल रूबी इसका रंग गुलाब के फूल के समान गुलाबी अभियुक्त होता है रूम में यह गहरे लाल रंग का कुछ कालापन लिए होता है नरम स्पाइनल यह लाल रंग के साथ कुछ पीलापन लिए हुए होता है लुधिया एक काइंड ऑफ मार्बल यह मस्जिद के समान लाल रंग का होता है सिंदुरिया सफायर ग्रुप ऑफ कंडोम गुलाबी रंग में कुछ सफेदी लिए हुए होता है नीली सोडाला इट इस ए काका नीली भी कहते हैं  यह नीलम की जाति का उपरत्न होता है इसका रंग नीला होता है इसे नीलम का उपरत्न माना गया है पिटूनिया ब्लड स्टोन इसका रंग हरा होता है और इस पर लाल रंग के छींटे से होते हैं बासी बंबू स्टोन यह हल्के हरे रंग का नरम पत्थर होता है दूरे नजफ फ्लोर स्टोन कच्चे धान के रंग का होता है अरे मासी एक काइंड ऑफ अगर यह सुलेमानी की जाति का उपरत्न होता है इसका रंग पूरा होता है तथा इस पर काली धारियां होती हैं जय जय मनी वैरायटी ऑफ ओनेक्स यह भूरे रंग का पत्थर होता है तथा इस पर क्रीम रंग की धारियां होती  है।


 Shiva इसका रंग हरा होता है तथा इस पर भूरे रंग का दौरा होता है तुलसा बा दुर्गा मां एक काइंड ऑफ जिरकॉन इसका रंग गुलाबी में कुछ पीलापन मिश्रित होता है हवा इसका रंग गुलाबी होता है तथा इसकी सतह पर बड़े बड़े छोटे होते हैं आवरी यह काले रंग का होता है कुदरत यह काले रंग का होता है तथा इस पर सफेद और पीले दाग धब्बे होते हैं चिट्ठी इसका रंग काला होता है तथा इस पर सुनहरी धारियां होती हैं संग संग वाइट जड़े इसका रंग सफेद तथा अंगूरी मिश्रित होता है लालू काइंड ऑफ मार्बल यह मकराना की जाति का पत्थर होता है मार्बल इसे मार्बल तथा संगमरमर भी कहते हैं यह विभिन्न रंगों का होता है कसौटी कसौटी यह गाड़ी काले रंग का पत्थर होता है इस पर घिसकर सोने चांदी की असली या नकली की परीक्षा की जाती है दारे चना यह कत्थई रंग का होता है तथा इस पर पीले रंग के छींटे से होते हैं हकीक गर्ल बहार इसका रंग कुछ पीलापन लिए हुए हरा होता है इसे माला बनाने के काम में लाया जाता है हालन सेंड स्टोन इसका रंग गुलाबी होता है इसे हिलाने पर इसका रंग भी हिलता हुआ सा प्रतीत होता है मुझे नजर यह पत्थर सफेद रंग का होता है तथा इस पर काली धारियां बनी होती हैं कहरवा इसका रंग लाल होता है इसकी माला बनाई जाती है झरना यह पटियाले रंग का होता है संग बसरी आंखों का सुरमा बनाने के काम आता है दांतला यह चिकना पानीदार सफेद तथा हरे रंग का होता है मकड़ा यह हल्के काले रंग का होता है तथा इसकी सतह पर मकड़ी का जाला सा बना रहता है संज्ञा एक काइंड ऑफ जिप्सम यह सेलखड़ी से मिलता-जुलता सफेद रंग का होता है गुदड़ी यह पीले रंग का होता है शिवपुरी इसका रंग नीले तथा हरे रंग के मिश्रित रंग का होता है कछला इसका रंग सफेद ही लिए हुए हरा होता है हदीद यह काले तथा कुछ भूरापन रंग लिए हुए होता है हवास यह हरे रंग का कुछ सुनहला सा होता है सिंहली यह मणि की जाति का उपरत्न होता है इसका रंग लाल में कुछ कालापन लिए हुए होता है डैडी इसका रंग काला होता है इसे खरल बनाने के काम में लाया जाता है गौरी यह हकीक से मिलता-जुलता धारीदार तथा कठोर पत्थर होता है यह राजा कई रंगों में उपलब्ध होता है सिया इसका रंग काला होता है यह मूर्तियां बनाने के काम में आता है सीमा यह लाल रंग का कुछ पीलापन लिए हुए होता है इस पर गुलाबी रंग के छींटे से होते हैं मूसा यह सफेद तथा काले रंग का होता है इसके प्याले तथा खरल आदि बनते हैं इसका रंग काले में कुछ हरापन लिए हुए होता है आमलिया यह हल्का कालापन लिए हुए गुलाबी रंग का होता है दूर यह कत्थई रंग का पत्थर होता है किलियर इसका रंग काला होता है तथा इस पर सफेद रंग के छोटे से होते हैं यह कुछ हरापन लिए हुए काले रंग का होता है फतेह यह सफेद रंग का होता है सेलखड़ी यह सफेद रंग का नरम तथा चिकना पत्थर होता है इसे क्रीम पाउडर आदि बनाने में काम में लाया जाता है जहर मोहरा इसका रंग कुछ सफेदी लिए हुए हरा और काला सा होता है यह सांप का विष उतारने के काम में आता है प्रभात यह लाल तथा नीले दो रंगों में पाया जाता है इसे रात रतुआ भी कहते हैं यह रात में आने वाले ज्वर में लाभदायक माना जाता है सॉन्ग मक्खी यह सफेद मिट्टी के रंग कैसा होता है हजरत है और यह काले रंग का पत्थर होता है सुरमा यह काले रंग का पत्थर होता है इससे आंख का सुरमा बनाया जाता है पारस इसके विषय में कहा जाता है कि इस के स्पर्श से लोहा सोना बन जाता है किंतु यह सर्वथा दुर्लभ वस्तु है इसके विषय में प्रायः दंतकथाएं ही सुनने को मिलती हैं रेनबो यह सफेद रंग का चमकदार उपरत्न होता है तथा धूप में इसे देखने से इसमें कई रंगों की झलक प्रतीत होती है इस प्रकार रत्न उपरत्न ओके उपर्युक्त विवेचन से स्पष्ट है कि उसमें अनेक ऐसे उपरत्न भी शामिल हैं जिनका उपयोग ना तो आभूषणों में किया जाता है और ना ही ज्योतिष की दृष्टि से उनका कुछ महत्व और उपयोग है बल्कि उनका उपयोग अनेक प्रकार के उद्योगों जैसे मूर्तियां तथा खरल पाउडर काजल आदि बनाने औषधियां तथा भवन निर्माण आदि में किया जाता है क्योंकि इन्हें भी उपरत्नों की श्रेणी में शास्त्र कारणों ने बनाया है इसीलिए यहां इनका उल्लेख किया गया है

9 रत्न और 84 उपरत्नों का सम्पूर्ण परिचय यहाँ है:

9 रत्न और 84 उपरत्नों का सम्पूर्ण परिचय यहाँ है: 

प्राचीन शास्त्रों के अनुसार  रत्नों की संख्या 9 और उपरत्नों की कुल संख्या 84 मानी गई है, किंतु इनके अतिरिक्त भी कुछ अन्य उपरत्न होते हैं जिन्हें बाद में उपरत्नों की श्रेणी में रखा गया है। इन उपरत्नों में कुछ ऐसे उपरत्न भी हैं जो प्रायः अप्राप्य या दुर्लभ है। साथ ही इनमें ऎसे उपरत्न भी शामिल है जो रत्नों के रूप में आभूषणों में जड़ने  के काम नहीं आते, अथवा ज्योतिष की दृष्टि से भी जिनका कोई महत्व नहीं है। इन सभी रत्नों में मात्र 9 ही रत्न ऐसे हैं जिन्हें नवरत्न की संज्ञा दी गई है। 

नवरत्न की श्रेणी में जिन 9 रत्नों को रखा गया है उनके नाम हैं :

नवरत्न की श्रेणी में जिन 9 रत्नों को रखा गया है उनके नाम हैं

  1. मााणिक 
  2. मोती 
  3. मूंगा 
  4. पन्ना 
  5. पुखराज 
  6. हीरा 
  7. नीलम 
  8. गोमेद 
  9. लहसुनिया 
इन नवरत्नों में भी मोती, माणिक, नीलम, हीरा और पन्ना इन 5 रत्नों को ही विशेष स्थान प्राप्त होने के कारण महारत्न माना गया है इनके अतिरिक्त मूंगा, पुखराज, गोमेद और लहसुनिया को केवल रत्न माना गया है इन नवरत्नों के अतिरिक्त जितने भी रत्न हैं उन्हें उपरत्न ही माना गया है इन सभी उपरत्नों का सामान्य परिचय निम्न प्रकार है

उपरत्न की श्रेणी में जिन 84 रत्नों को रखा गया है उनके नाम हैं :
उपरत्न की श्रेणी में जिन 84 रत्नों को रखा गया है उनके नाम हैं :

  1. सुनहला (Citrine)
  2. कटैला (Amethyst)
  3. स्फटिक (Rock Crystal)
  4. दाना फिरंग (Malachite)
  5. फिरोजा (Turquoise)
  6. जबरजद्द (Peridot)
  7. तुरमली (Tourmaline) 
  8. ओपल (Opal)
  9. संगसितारा (Gold Stone)
  10. जरकन (Zircon)
  11. माहेमरियम (Fortification Agate)
  12. लाजवर्त (Lapis Lazuli)
  13. तामड़ा (Garnet)
  14. चंद्रकांतमणि (Moon Stone)
  15. गनमेटल (Hematite)
  16. मकनातीस (Load Stone)
  17. काला स्टार (Malanite)
  18. टाइगर (Tiger Eye ) 
  19. मरगज (Jade, Jadeite)
  20. ओनेक्स (Onyx) 
  21. हकीक (Agate)
  22. सुलेमानी (Sulemani Onyx)
  23. हकीक यमनी (Sardonyx)
  24. बैरुज (Aquamarine)
  25. धुनैला (Smoky Quartz)
  26. सजरी (Moss Agate)
  27. होलदिली (Heliodor) 
  28. अलेक्जैंडर (Alexandrite)
  29. लालडी (Spinel Ruby)
  30. रोमनी (Romni)
  31. नरम (Spinel)
  32. लूधिया (A Kind of  Marbel)
  33. सिंदूरिया (Pink Sapphire)
  34. नीली (Sodalite)
  35. पितौनिया (Blood Stone)
  36. बासी (Bamboo Stone)
  37. दूरे नज़फ (Door E Nazaf )
  38. आलेमासी (A Kind of  Agate)
  39. जजेमानी (A Variety of  Onyx)
  40. सीवार (Sivar)
  41. तुरसावा (A Kind of  Zircon)
  42. अहबा (Rhodonite)
  43. आबरी (Abri)
  44. कुदरत (Kudrat)
  45. चित्ती (Chatoyant)
  46. संगसन (White Jade)
  47. लारू (A Kind of  Marble)
  48. मार्बल (Marble)
  49. कसौटी (Basanite)
  50. दारेचना (Braunite)
  51. हकीक गलबहार (A Varity of Agate)
  52. हालन (Sand Stone)
  53. मुवे नज़फ (Floor Stone) 
  54. कहरवा (Amber)
  55. झरना (Jharna)
  56. संगबसरी (A Kind of Antimony)
  57. दांतला (Achroite)
  58. मकड़ा (Spider Stone)
  59. संगिया (A Kind of Gypsum)
  60. गुदड़ी (A Varity of Marble)
  61. सिफरी (Amazonite)
  62. कांसला (A Varity of Turmaline)
  63. हदीद (Eye Agate)
  64. हवास (Hawas)
  65. सींगली (Mysore Stone)
  66. ढेडी (A Kind of Marble)
  67. गौरी (A Kind of Agate)
  68. सीया (Black Marble)
  69. सीमाक (Prophyry)
  70. मूसा (Jet)
  71. पनघन (A Varity of Agate)
  72. अमलीया (A Varity of Marble)
  73. डुर (Epidote)
  74. तिलियर (Tiliyar)
  75. खारा (Tektites)
  76. फात जहर (A Kind of Soft Stone)
  77. सेलखड़ी (Gypsum)
  78. जहर मोहरा (Serpentine)
  79. रवात (Jasper)
  80. सोन मक्खी (Marcasite)
  81. हजरते ऊद (Hazrate Ud)
  82. सुरमा (Antimony)
  83. पारस (Philosophers Stone)
  84. रेनबो (Rainbo Quartz). 

66 फेंगशुई टिप्स से लाएं घर में सुख-समृद्धि (66 fengshui tips for happiness)

       
यदि आपके जीवन में बार-बार परेशानियां और रुकावटें आती रहती हैं, तो आप फेंगशुई शास्त्र की मदद से इसमें काफ़ी…
 यदि आपके जीवन में बार-बार परेशानियां और रुकावटें आती रहती हैं, तो आप फेंगशुई शास्त्र की मदद से इसमें काफ़ी हद तक परिवर्तन ला सकते हैं यानी दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदल सकते हैं और परेशानियों से भी निज़ात पा सकते हैं. इसी के बारे में संक्षेप में बता रहे हैं आइए, सौभाग्य से जुड़े फेंगशुई टिप्स के बारे में जानें.

फेंगशुई द्वारा बताए गए विभिन्न उपायों को अपनाकर सौभाग्य की प्राप्ति की जा सकती है. फेंगशुुई के अनुसार, जब हवा से विंड चाइम्स बजती है, तो इसकी आवाज़ से घर में सुख-समृद्धि आती है और अनेक वास्तु दोष दूर हो जाते हैं. फेंगशुई में विंड चाइम, क्रिस्टल, ड्रैगन, लाफिंग बुद्धा, प्लास्टिक के फूल, कछुआ, जहाज़, सिक्कों आदि का बहुत महत्व है. इन्हें अपने घर या ऑफिस में किसी निर्धारित दिशा में रखकर जहां आप अपने घर-परिवार और नौकरी में सौभाग्य प्राप्त कर सकते हैं, वहीं शांति-सुकून भी पा सकते हैं. आइए, फेंगशुई से जुड़े विभिन्न उपयोगी टिप्स के बारे में जानें.


☯️ 1.शुभ व सौभाग्य प्राप्ति के लिए ड्रॉइंगरूम के प्रवेश द्वार के कोने पर दाईं तरफ़ 6 छड़वाली विंड चाइम्स लटकाना लाभदायक होता है. दरअसल, छह छड़ोंवाली विंड चाइम्स को ड्रॉइंगरूम में लगाने से सकारात्मक ऊर्जा निकलती है और पूरे घर में फैलती है.

☯️ 2. ग्रीनरी फेंगशुई के सकारात्मक प्रभाव को बढ़ाती है। इनडोर पौधे घर में ख़ुशियां लाते हैं और घर के हर कोने को उत्साह और उमंग से सराबोर कर देते हैं. फेंगशुई में पौधों को नौ आधारभूत सुरक्षा सावधानियों में से एक माना गया है, इसलिए घर के खाली हिस्सों में पौधे लगा देने चाहिए.

* घर के दक्षिण-पूर्व कोने को धन व समृद्धि का कोना माना जाता है, इसलिए यहां चौड़े पत्तियोंवाले पौधे लगाएं.


* यदि परिवारिक सदस्यों को बार-बार परेशानी व निराशा का सामना करना पड़ता है, तो ड्रॉइंगरूम में नौ छड़ोंवाली विंड चाइम्स लगाएं. इससे सभी को  लाभ होगा.

* चढ़नेवाली बेलें, जिन्हें क्लाइम्बर्स कहा जाता है, जैसे- मनी प्लांट को कोने में लगाकर उस जगह की उदासीनता को कम
कर सकते हैं.

☯️ 3. लाफिंग बुद्धा, जो फेंगशुई में बहुत शुभ माना जाता है, उसे ड्रॉइंगरूम में ठीक सामने की ओर रखें, ताकि घर में प्रवेश करते ही आपकी नज़र सबसे  पहले उस पर पड़े.



* फेंगशुई के अनुसार, पुराना कबाड़ा व बेकार पड़ी चीज़ें परिवार में लड़ाई-झगड़े, मतभेद उत्पन्न करती हैं, इसलिए विशेषकर कपल्स अपने पलंग के  नीचे से पुराना कबाड़ तुरंत निकालकर बाहर फेंक दें, क्योंकि फेंगशुई के अनुसार, इससे पति-पत्नी के बीच मतभेद पैदा होते हैं.

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* गोलाकार डाइनिंग टेबल फेंगशुई में शुभ मानी जाती है, परंतु ध्यान रखें कि टेबल के साथ लगी कुर्सियों की संख्या सम हो.

* भोजन करते समय टीवी देखना हमारे सेहत की दृष्टि से भी नुक़सानदेह होता है, इसलिए टीवी को डाइनिंग रूम में न रखें.

☯️ 4. घर के दरवाज़े के हैंडल में सिक्के लटकाना घर में धन-संपत्ति और सौभाग्य लाने का बेहतरीन उपाय है.

* तीन पुराने चीनी सिक्कों को लाल रंग के धागे या रिबन में बांधकर दरवाज़े के हैंडल में लटका दें. इससे घर के सभी लोगों को लाभ मिलता है. हां, ये  सिक्के दरवाज़े के अंदर की ओर लटकाएं, न कि बाहर की ओर.

* एक बात और घर के सभी दरवाज़ों के हैंडल में सिक्के न लटकाएं, स़िर्फ मुख्यद्वार के हैंडल में ही सिक्के लटकाएं.

* इसके अलावा दरवाज़े के बाहरवाले हैंडल में छोटी-सी घंटी भी लटका सकते हैं.

* सिक्के घर में धन आने के प्रतीक हैं, पिछले दरवाज़े पर आपको एक भी सिक्का नहीं लटकाना है, क्योंकि पिछला दरवाज़ा इस बात का सूचक है कि इस मार्ग से होकर आपका कुछ न कुछ बाहर चला जाता है.


☯️ 5. फेंगशुई में फिश क़ामयाबी का प्रतीक है. फेंगशुई के अनुसार, घर में फिश एक्वेरियम रखने से सुख-समृद्धि आती है. घर में एक छोटे से फिश

* एक्वेरियम में गोल्ड फिश रखना सौभाग्यवर्द्धक होता है.

* उत्तर-पूर्व क्षेत्र धन संपदा व समृद्धि दायक क्षेत्र है. यह जल तत्व का प्रतीक है. इस क्षेत्र में एक्केरियम रखना शुभ रहता है.

* ध्यान रहे कि एक्वेरियम में 8 फिश गोल्डन और 1 ब्लैक कलर की हो. यदि कोई गोल्डन फिश मर जाए, तो माना जाता है कि घर पर आई कोई मुसीबत वह अपने साथ ले गई यानी गोल्डन फिश का मरना अपशगुन नहीं होता.

☯️6. अपने ऑफिस में पूर्व दिशा में लकड़ी से बनी ड्रैगन रखें. इससे एनर्जी लेवल बढ़ता है और उमंग-उत्साह बना रहता है.


☯️ 7. फेंगशुई के अनुसार, क्रिस्टल-ट्री का उपयोग घर में सुख-समृद्धि, प्रतिष्ठा व शांति के लिए किया जाता है.

* फेंगशुई स्टोन ट्री सुनने में भले ही काल्पनिक लगे, किन्तु वास्तविकता यही है कि चीनी पद्धति मेंं इस पौधे का अधिक महत्व है. यह पौधा तरह-तरह  के रत्नों व स्फटिकों का बना होता है. इसकी कई वेरायटीज़ होती हैं. रंग-बिरंगे रत्नों से सजे इस पौधे को यदि घर के उत्तर-पश्‍चिम एरिया में रखें, तो निश्‍चित रूप से घर में सौभाग्य में वृद्धि होती है.

* नवरत्न पेड़ नवग्रहों की शांति, सुख व पारिवारिक शांति के लिए इस्तेमाल करते हैं.

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* वैसे इसे घर में दक्षिण-पूर्व दिशा में भी रखा जा सकता है. इसे व्यावसायिक स्थल पर रखने से संपदा मिलती है. इसे बैठक में भी रखा जा सकता है.  इसका एक और महत्वपूर्ण कार्य नकारात्मक ऊर्जा को दूर करना भी है.


☯️ 8. यदि घर में निगेटिव एनर्जी फैली हुई है, तो ऐसी स्थिति में चीनी बैंबू ट्री का इस्तेमाल करें. बैंबू का पेड़ घर में सकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव में बढ़ोतरी  करता है.

* फेंगशुई के अनुसार, कछुए को घर में रखना क़ामयाबी और सेहत के लिए लाभदायक है.

* पानी से भरे एक कटोरे में धातु का बना फेंगशुई कछुआ रखकर इस कटोरे को उत्तर दिशा में रखने से घर में सुख-शांति बनी रहती है.

* तीन टांगोंवाले मेंढ़क को भी फेंगशुई में सुख-समृद्धि का प्रतीक माना गया है.

* फेंगशुई में ड्रैगन को बहुत सम्मान दिया जाता है और इसे शुभ मानते हैं. ड्रैगन येंग यानी पुरुषत्व, हिम्मत और बहादुरी का प्रतीक है. यह
ड्रैगन लकड़ी, सिरेमिक व धातु में उपलब्ध है. कई पीढ़ियों से ड्रैगन शक्ति, अच्छे भाग्य व सम्मान का प्रतीक है. ड्रैगन एक क़ीमती कास्मिक ची बनाता है, जिसे शेंग ची भी कहते हैं, जिससे घर-ऑफिस में भाग्य साथ देता है.

* डबल ड्रैगन को यूं तो किसी भी दिशा में रखा जा सकता है, लेकिन इसे पूर्व दिशा में रखना सबसे ज़्यादा लाभदायक है.

* दो ड्रैगन का जोड़ा समृद्धि का प्रतीक है. इनके पैर के पंजों में ज़्यादा मोती सबसे अधिक एनर्जी संजोए हैं.

* लकड़ी का ड्रैगन दक्षिण-पूर्व या पूर्व में, सिरेमिक, क्रिस्टल के ड्रैगन को दक्षिण-पूर्व, उत्तर-पूर्व या उत्तर-पश्‍चिम में रखें.

* यदि घर का मुख्यद्वार उत्तर, उत्तर-पश्‍चिम या पश्‍चिम में हो, तो उसके ऊपर बाहर की तरफ़ घोड़े की नाल लगा देनी चाहिए. इससे सुरक्षा एवं  सकारात्मक ऊर्जा मिलती है.

* फेंगशुई के अनुसार, घर के पूर्वोत्तर कोण में तालाब या फव्वारा शुभ होता है, लेकिन इसके पानी का बहाव घर की ओर होना चाहिए, न कि बाहर की ओर.

* घर को नकारात्मक ऊर्जा से मुक्त रखने के लिए पूर्व दिशा में मिट्टी के एक छोटे-से पात्र में नमक भरकर रखें और हर चौबीस घंटे के बाद नमक बदल दें.

* बाथरूम में रखी बाल्टी हमेशा पानी से भरी रहे, इस बात का ख़ास ख़्याल रखें. यह उपाय आपके जीवन में ख़ुशियां के स्थायित्व को बनाए रखने में मददगार होगा. बाथरूम डेकोर के लिए आप प्राकृतिक या पानी के दृश्यों को दर्शाती सीनरी लगा सकते हैं. कहते हैं, इससे पानी की कमी जैसी समस्याएं परेशान नहीं करतीं.

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* बाथरूम में साबूत नमक या फिटकरी से भरा एक कटोरा रखें. हर महीने इस कटोरे के नमक को बदलती रहें. कहते हैं, हवा में मौजूद नमी के साथ-  साथ यह नमक आसपास की नकारात्मक ऊर्जाओं को भी अपने अंदर समाहित कर लेता है.

* यदि आपको लगता है कि आपकी आय के सारे स्त्रोत बंद हो गए हैं, तो आप तीन रंगोंवाले फेंगशुई मेंढ़क (जिसके मुंह में सिक्के लगे हों) को अपने घर में इस प्रकार रखें कि मेंढ़क की पूरी दृष्टि आपके घर की ओर हो. ऐसा करने से आपकी भाग्य वृद्धि और आय बढ़ेगी.

* यदि आपका भाग्य आपसे रूठ गया हो, तो मकान या बिज़नेसवाली जगह के मुख्यद्वार पर चीनी फेंगशुई की विंड चाइम्स और चीनी सिक्के लगाएं.
इन बातों पर भी ध्यान दें.

* मुरझाए हुए या सूख गए पौधों को तुरंत हटा देना चाहिए. इससे नकारात्मक ऊर्जा फैलती है.

* घर के सामनेवाले हिस्से में कांटेदार या नुकीले पत्तोंवाले पौधे न लगाएं. ये नकारात्मक ऊर्जा बढ़ाते हैं.

* घर या ऑफिस में झाड़ू का इस्तेमाल न हो रहा हो, तो उसे नज़रों के सामने से हटाकर रखें.

* बाथरूम के दरवाज़े के ठीक सामने आईना न लगाएं, क्योंकि स्नान करने जाते समय हमारे साथ-साथ कुछ निगेटिव एनर्जी भी बाथरूम में प्रवेश कर जाती है.

* घर में जो घड़ियां बंद पड़ी होंं, उन्हें या तो घर से हटा दें या चालू करें. बंद घड़ियां हानिकारक होती हैं. इनसे नकारात्मक ऊर्जा निकलती है.

* कमरों में पूरे फर्श को घेरते हुए कालीन आदि बिछाने से लाभदायक ऊर्जा का प्रवाह रुकता है.

* फेंगशुई के तहत ईशान कोण पर बाथरूम बनाना पूरी तरह से वर्जित माना गया है. वैसे, घर के बाथरूम के लिए उत्तम दिशाएं दक्षिण, पश्‍चिम और  पूर्व मानी गई हैं.

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दौड़ते हुए घोड़े की तस्वीर लगाने से दौड़ेगी आपकी तरक्की


व्यापार में लाभ के लिए आप मेहनत तो खूब करते हैं,लेकिन कभी- कभी सफलता हाथ नहीं लगती। वास्तुशास्त्र में कुछ उपाय ऐसे होते है जिन्हें अपनाकर आप व्यापार में तरक्की के साथ-साथ घर-परिवार में भी सुख-शांति से रह सकते हैं। वास्तु में कहा गया है कि दौड़ते हुए घोड़े ऊर्जा, शक्ति और तरक्की के प्रतीक हैं। यह जीवन पथ पर आगे बढ़ते रहने और करियर में सफलता के सूचक होते हैं और खासतौर पर सफ़ेद घोड़े सकारात्मक ऊर्जा के वाहक माने जाते हैं। घर और ऑफिस की नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि के लिए एक साथ दौड़ते हुए सात सफ़ेद घोड़ों की तस्वीर लगाना लाभकारी होता हैं।
1.व्यापार में लाभ के लिए
तरक्की और हमेशा ऊर्जावान बने रहने के लिए ऑफिस की दक्षिण दिशा में दौड़ते घोड़ों की तस्वीर लगाएं।ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारी या मालिक, जब उनकी नजर बार-बार इन पर पड़ती है तो इसका सकारात्मक असर उनकी कार्यप्रणली पर पड़ता है। यह आपके कार्यों में गति प्रदान कर सफलता दिलाने में भी सहायक होते हैं ।याद रहे कि घोड़ों का मुंह ऑफिस के अंदर की ओर होना चाहिए। जहाँ भी आप दौड़ते हुए घोड़ों की प्रतिमा या तस्वीर लगा रहे हो तो इस बात का ध्यान अवश्य रहें कि घोड़े लगाम में  बंधे हुए न हौं । व्यापार में लाभ के लिए दुकान में तस्वीर के अलावा तांबा,पीतल या चांदी से बनी दौड़ते हुए घोड़े की प्रतिमा रख सकते हैं।
2.धन आगमन के लिए
घर में धन की आवक बनी रहे,इसके लिए घर की लॉबी की दक्षिणी दीवार पर,घर के अंदर आते हुए घोड़ों की तस्वीर लगाएं । घोड़ों की तस्वीर घर में लगाने से धन संबंधी समस्याएं दूर होने लगती है,घर में स्थिर लक्ष्मी का वास होता है।इसके साथ ही जीवन प्रसिद्धि और यश मिलता है। तस्वीर खरीदते समय ध्यान रहे कि घोड़ों का मुख प्रसन्न मुद्रा में हो ,वे आक्रोश वाले न हों
3.नहीं रहेगा कर्ज
यदि आप कर्ज की समस्या से परेशान हैं तो घर के उत्तर -पश्चिम में घोड़ों के जोड़े की प्रतिमा भी रख सकते हैं,इससे आपको फायदा हो सकता है।इस  बात का ध्यान रखें कि कभी भी टूटी -फूटी एवं धुंधली  तस्वीर घर में न रखें।इस प्रकार भी नहीं रखें जिसमें घोड़े अलग -अलग दिशा में जा रहे 
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वास्तुशास्त्र : घर में होने वाली इन 5 गलतियों की वजह हो सकती है धन की हानि



आप शुभ या अशुभ में विश्वास न भी रखते हो लेकिन आपको इस बात को तो मानना ही पड़ेगा कि दुनिया में नकारात्मक और सकारात्मक ऊर्जा होती है, जो हमारे जीवन को प्रभावित करती है। ऐसे में इस नकारात्मक ऊर्जा को नियंत्रित करके सकारात्मकता फैलाने के लिए वास्तुशास्त्र में कुछ उपाय बताए गए हैं, जिसका ध्यान रखने पर आपके घर में सुख-शांति रहने के साथ आर्थिक परेशानी नहीं आती। अनजाने में हम ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जिससे नकारात्मक ऊर्जा घर में हावी हो जाती है और हमारे जीवन में उथल-पुथल हो जाती है। आइए, जानते हैं वो 5 गलतियां, जिसकी वजह से आर्थिक हानि होने के साथ घर की सुख-शांति भी भंग हो जाती है-
1.किचन में न रखें दवाई 
कभी-कभी ऐसा होता है कि हम जल्दबाजी में किचन में दवाई रखकर भूल जाते हैं, जबकि वास्तु के हिसाब से यह आदत बिल्कुल भी अच्छी नहीं है। ऐसा करने से बचें। 




2.दक्षिण दिशा में न रखें कोई मूर्ति 
आपको भगवान या कोई दूसरी मूर्ति दक्षिण दिशा में नहीं रखनी चाहिए। ऐसा करने से आय कम होती है और खर्चों में बढ़ोत्तरी होती है। 


3.बाथरुम और टॉयलेट के दरवाजे बंद रखें 
बाथरुम और टॉयलेट के दरवाजें हमेशा बंद करके रखें, वहीं इनके दरवाजे बंद करते समय ज्यादा आवाज भी नहीं करनी चाहिए। 

4.घर में न लगाएं कांटेदार पौधे
आपको घर में कांटेदार पौधे लगाने से बचना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में सुख-शांति भंग होती है।

5.कीमती सामान के पास न रखें झाडू 
जिस कमरे में आपने कीमती सामान रखा है, वहां झाडू रखने से परहेज करें। वहीं, झाडू को कूड़े के पास न रखते हुए झाडू के लिए भी सही जगह निर्धारित करनी चाहिए


बढ़ती दूरियां और दांपत्य जीवन में अनबन जैसी समस्याएं

आजकल की भागदौड़ भरी जिदंगी में हमारे अपने ही हमसे दूर होते जा रहे हैं। परिवारों में बढ़ती दूरियां और दांपत्य जीवन में अनबन जैसी समस्याएं अक्सर परिवारों में रहती हैं। जीवन में संतुलन बना रहेगा तभी सुख-शांति और सफलता का अनुभव होगा। वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि दूरियां बढ़ने का कारण घर और हमारे आसपास मौजूद वास्तुदोष भी हो सकते हैं। कुछ आसान से उपाय वास्तु में बताए गए हैं, जिन्हें अपनाकर हम अपने जीवन में खोई हुई खुशियों को वापस पा सकते हैं।  
घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करें। घर की साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें। घर में अगर विचलित करती या उदास तस्वीरें लगी हैं तो इन्हें तुरंत हटा दें। पति-पत्नी के बीच संबंधों में मधुरता लाने के लिए घर में राधा-कृष्ण का चित्र लगाएं। 
           
 घर के ड्राइंग रूम में भगवान विष्‍णु का चित्र लगाएं

माता-पिता या भाई-बहनों के बीच मनमुटाव रहता है तो।
 घर के पूजा स्‍थल में हनुमान जी की मूर्ति स्‍थापित करें। इससे परिजनों का स्वास्थ्य बेहतर रहता है। बेडरूम में हल्के रंग की बेडशीट बिछाएं। बेड के सामने शीशा है तो इसे हटा दें। बेड के सामने शीशा होने से दंपति के बीच कलह पैदा होती है। घर में बेसमेंट है और यह खाली पड़ा है तो यह अवसाद का कारण बन सकता है। बेसमेंट के बाहर एक ब्रास बेल टांग सकते हैं। बेडरूम में अधिक महिलाओं की तस्वीर न लगाएं। दो बेड को जोड़कर न सोएं। बेड के अंदर बर्तन, किताबें, टूटा सामान न रखें। जीवनसाथी को जो बात पसंद न हो, वह बात न करें। घर में शंख या सीपी अवश्य रखें। परिवार के सभी सदस्य एक साथ पूजा में भाग लें। शनिवार के दिन आम या अशोक की टहनी घर में लाएं। महीने में कम से कम एक बार मिठाई लाकर भगवान को भोग लगाएं और पूरे परिवार में बांटे। ऐसा करने से वास्तु दोष दूर हो जाते हैं। परिवार में प्रेम बना रहता है। 

धन को कैसे आकर्षित करें

धन को कौन नहीं चहाता ।
आइये जाने कैसे अपनी DOB से धन को आकर्षित करे और स्थाई लक्ष्मी को कैसे प्राप्त करे।
सबसे पहले आप अपनी DOB किसी कागज पर लिखले जैसे :- 23/2/1975
इस के बाद आप एक यन्त्र नीचे देख रहे है

इस मे 9 खाने हैं हर खाने मे एक संख्या है
8 1 6
3 5 7
4 9 2
अब आप एक ऐसा 9 खाने का यन्त्र बनाले और उपर जिस क्रम मे संख्या लिखी हैं उस ही क्रम अपनी DOB को भर लें
एसे 23/2/1975
अब इस मे जो संख्या कम हैं उसे पूरा करना है।
          अब प्रश्न ये है की ये होगा कैसे ?
आप अपनी DOB मुझे मेरे Whatsapp no 7302282292 पर भेज दें



शनि देव का एक ऐसा स्थान जहाँ शनि देव को गुरु के रुप मे पूजा जाता है l

जय गुरु श्री शनि देव महाराज जी की

शनि देव का एक ऐसा स्थान जहाँ शनि देव को गुरु के रुप मे पूजा जाता है l अगर आप के जीवन मे कोई समस्या है तो बाबा के दर पे आके अपनी अर्जी लगा सकते हैं l इस अर्जी को कोई पढता नही है| केवल बाबा के श्री चरणो मे रख दी जाती है और बात पूरी होन पर प्रासाद चढा दिया जाता है l
अधिक जानकारी हेतु whatsaap no 7302282292

मंगली दोष

मंगल बाकि ग्रहों की भांति कुण्डली के बारह भावों में से किसी एक भाव में स्थित होता है। बारह भावों में से कुछ भाव ऐसे हैं जहां मंगल की स्थिति को मंगलीक दोष के रूप में लिया जाता है।
कुण्डली में जब लग्न भाव, चतुर्थ भाव, सप्तम भाव, अष्टम भाव और द्वादश भाव में मंगल स्थित होता है तब कुण्डली में मंगल दोष माना जाता है। सप्तम भाव से हम दाम्पत्य जीवन का विचार करते हैं। अष्टम भाव से दाम्पत्य जीवन के मांगलीक सुख को देखा जाता है। मंगल लग्न में स्थित होने से सप्तम भाव और अष्टम भाव दोनों भावों को दृष्टि देता है। चतुर्थ भाव में मंगल के स्थित होने से सप्तम भाव पर मंगल की चतुर्थ पूर्ण दृष्टि पड़ती है। द्वादश भाव में यदि मंगल स्थित है तब अष्टम दृष्टि से सप्तम भाव को देखता है।
इसके अतिरिक्त सुखी दाम्पत्य जीवन के लिए हम पांच बातों का विचार करते हैं -
  • स्वास्थ्य
  • भौतिक सम्पदा
  • दाम्पत्य सुख,
  • अनिष्ट का प्रभाव,
  • जीवन की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए अच्छी क्रय शक्ति.
ज्योतिष में इन पांचों बातों का प्रतिनिधित्व लग्न, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम तथा द्वादश भाव करते हैं। इसीलिए इन पांचों भावों में मंगल की स्थिति को मंगलीक दोष का नाम दिया गया है।